लेखनी कहानी -07-Mar-2022देशप्रेम

जय जवान जय किसान(कविता)✅

दो कांधो पर देश मेरा ये , हंसता और मुस्काता है।
जय जवान जय किसान , का नारा ये समझाता है।

धरा से जोड़ हमें सदा ये , नवजीवन दे जाता है।
माटी की काया का यारों , माटी से गहरा नाता है।

दीया एक ने जीवन हमको , दूजा जीना सिख लाता है।
कभी ये रोता संग हमारे , कभी खुशियां कई दे जाता है।

भिन्न-भिन्न है बोली धरा की , भिन्न-भिन्न है भाषाएं।
भिन्न भिन्न है रंग रूप , अभिलाषा एक बनाता है।

देश की खातिर दोनों ने ही , अपना सब कुर्बान किया ।
नाम देश के देखो यारों , जीवन अपना दान किया।

अपनी खुशियां ढूंढना , सब की खातिर मुस्काते हैं ।
हंसते-हंसते देखो ये फिर, अपनी जान गवाते हैं।

पेट हमारा भरने को ये, हर मौसम से लड़ जाते हैं ।
दे अनाज थाली में हमारे , ये भूखे ही रह जाते हैं।

घर परिवार इनके भी पर , देश से पहले नाता है।
सोच के इनके बलिदानों को , सिर नतमस्तक हो जाता है ।

जय जवान जय किसान से ही , ये देश सदा मुस्काता है ।
दो कानों के दम पर ही , हर देश तो जाना जाता है।।

3/3/22💐💐💐11:07am

©️®️पूनम शर्मा स्नेहिल☯️


वार्षिक प्रतियोगिता

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1 Comments

Dr. Arpita Agrawal

07-Mar-2022 06:52 PM

बेहतरीन 👌👌

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